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मिट्टी निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति चाहिए तो माटीकला मेले में जाइए

  • Writer: Bharat Heartline News
    Bharat Heartline News
  • Oct 21, 2024
  • 2 min read

लखनऊ में 10 दिवसीय माटीकला मेले का आयोजन, मेले में 50 स्टॉल लगाए गए


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मंत्री राकेश सचान ने किया मेले का शुभारंभ


उ.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के 08 तिलक मार्ग, लखनऊ परिसर में दीपावली के शुभ अवसर पर आज से 30 अक्टूबर 2024 तक चलने वाले 10 दिवसीय माटीकला मेले का आयोजन किया गया है। मेले का शुभारंभ आज उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने किया। मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के शिल्पकार 50 स्टॉलों पर मिट्टी से निर्मित कलाकृतियों का प्रदर्शन कर रहे है। इस अवसर पर 05 लाभार्थियों को विद्युत चालित चाक वितरण किया गया।


अपने सम्बोधन में मंत्री राकेश सचान ने कहा कि योगी सरकार माटीकला कारीगरों और उनके उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्यरत है। मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के तहत अब तक प्रदेश में 48,000 माटीकला कारीगर परिवारों को चिन्हित किया गया है। 13,607 विद्युत चालित चाक का वितरण किया जा चुका है और वर्ष 2024-25 के लिए 2,325 विद्युत चालित चाक और 375 पगमिल के वितरण का लक्ष्य है। मंत्री ने बताया कि माटीकला कारीगरों को प्रोत्साहित करने के लिए 603 जोड़ी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की डाई, 31 पेंटिंग मशीन और 81 दीया मेकिंग मशीन भी वितरित की गई हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में 6 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (पीलीभीत, रामपुर, कन्नौज, अमरोहा, फिरोजाबाद और बाराबंकी) की स्थापना की जा चुकी है, जो माटीकला उद्योग को सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।


मंत्री ने अपने सम्बोधन में यह भी बताया कि इस वर्ष दीपावली के अवसर पर लखनऊ के साथ ही कानपुर, झांसी, और वाराणसी में भी 07 दिवसीय भव्य माटीकला मेले का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य 71 जनपदों में 03 दिवसीय लघु माटीकला मेले का आयोजन कराया जायेगा। उन्होंने जनमानस से अपील करते हुए कहा कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक संख्या में आएं और शिल्पकारों का उत्साहवर्धन करें।


महाप्रबंधक डॉ. उज्ज्वल कुमार ने बताया कि माटीकला मेले में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये शिल्पकार अपनी कलात्मक कृतियों का प्रदर्शन कर रहे हैं। मेले में 50 स्टॉल लगाए गए हैं, जिन पर विभिन्न प्रकार की माटीकला से जुड़ी वस्तुएं उपलब्ध हैं। लखनऊ के सिरेमिक्स, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर के मिट्टी के बर्तन, खुर्जा के चीनी मिट्टी से बने उत्पाद और अन्य सजावटी सामान जैसे डिजाइनर दीये यहां उपलब्ध हैं। इस वर्ष प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण माटीकला बोर्ड द्वारा वितरित डाई से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां हैं। मेले में भाग लेने वाले कारीगरों को स्टॉल निरूशुल्क आवंटित किए गए हैं, जिससे वे अपने उत्पादों को बिना किसी वित्तीय दबाव के प्रदर्शित कर सकें और अधिकतम लाभ कमा सकें। उन्होंने बताया कि माटीकला कारीगरों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार ने मंडल स्तर पर 270 और राज्य स्तर पर 15 कारीगरों को पिछले 5 वर्षों में पुरस्कृत किया है। इस वर्ष भी उत्कृष्ट कारीगरों को उनकी कलाकृतियों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

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