मुख्यमंत्री ने ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन किया
- Bharat Heartline News

- Nov 9, 2024
- 3 min read

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमारा प्रयास होना चाहिए कि पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ-साथ बच्चों को ऐसी पुस्तकें दें, जो उनके मन में नए भाव को जागृत कर सकें। छात्र-छात्राओं को पुस्तकों का अध्ययन तथा मनन कर अच्छी बातों को अपने जीवन में उतारने का कार्य करना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि ‘व्हेन सिटीजंस रीड द कंट्री लीड्स’ अर्थात् जब लोग पढ़ते हैं, तो देश आगे बढ़ता है। देश को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको अच्छी कृतियों के प्रति आग्रही बनना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री आज गोमती रिवर फ्रंट पर ‘गोमती पुस्तक महोत्सव’ के तृतीय संस्करण का उद्घाटन करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने पुस्तकों के स्टॉलों का अवलोकन किया तथा बच्चों से संवाद कर उन्हें पुस्तकें व चॉकलेट भेंट कीं। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में सभी लोग स्मार्टफोन जैसी युक्तियों के पराधीन हो चुके हैं। पहले तकनीक का उपयोग मनुष्य करता था, अब तकनीक मनुष्य का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं की 24 घंटे की दिनचर्या में औसतन 06 घण्टे स्मार्टफोन अथवा किसी अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यतीत होते हैं। युवा अपने जीवन का लगभग एक चौथाई हिस्सा यदि किसी अन्य सार्थक कार्य में लगायें, तो यह उसके स्वास्थ्य व देश तथा समाज के लिए उपयोगी हो सकता है। यही कारण है कि अच्छे लेखन तथा लेखकों के प्रति आम जनमानस का रुझान कम होता जा रहा है। टेक्नोलॉजी का उपयोग करना अच्छी बात है लेकिन हम टेक्नोलॉजी के दास बन जाएंगे, तो यह देश व समाज के लिए उचित नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश इस दृष्टि से बहुत सौभाग्यशाली है कि आम जनमानस की सुविधा हेतु वैदिक संस्कृत को व्यावहारिक संस्कृत का स्वरूप प्रदान करने वाले महर्षि वाल्मीकि ने उत्तर प्रदेश की धरती पर जन्म लिया। उन्होंने रामायण के रूप में दुनिया का पहला महाकाव्य रचा था। समय के अनुरूप संस्कृत के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में भी साहित्य का सृजन किया गया। गोस्वामी तुलसीदास जी ने जब रामायण की रचना संस्कृत में करना प्रारम्भ किया, तो वह जितना लिखते थे, उतना गायब हो जाता था। कहा जाता है कि हनुमान जी ने उन्हें दर्शन देते हुए कहा कि रामायण की रचना स्थानीय भाषा में करें। तब उन्होंने श्रीरामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की। आज प्रत्येक घर में श्रीरामचरितमानस का पाठ अवधी भाषा में किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोमती केवल नदी नहीं है, बल्कि यह एक संस्कृति भी है। देश में नदियां संस्कृति के रूप में मान्य रही हैं। हम सभी ने उस संस्कृति को सभ्यता के साथ जोड़ा है। दुनिया की सभी प्राचीन संस्कृतियां किसी न किसी नदी के तट पर विकसित हुई हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में लखनऊ विकास प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन के सहयोग से लखनऊ की जीवनधारा गोमती नदी के तट पर गोमती पुस्तक महोत्सव के तृतीय संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। इस पुस्तक महोत्सव का आयोजन 09 से 17 नवम्बर, 2024 तक किया जाएगा। नेशनल बुक ट्रस्ट ने प्रदेश सरकार के साथ मिलकर यह अच्छी पहल की है। इस पहल को घर-घर तक पहुंचाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के सभी मण्डल मुख्यालयों पर नेशनल बुक ट्रस्ट के इस प्रयास को आगे बढ़ाना होगा। जिला प्रशासन प्रयास करे कि इस पुस्तक महोत्सव में अगले 09 दिनों तक लखनऊ की प्रत्येक संस्था की उपस्थिति हो। जो भी व्यक्ति पुस्तक महोत्सव में आएं अपनी रूचि के अनुसार किसी न किसी पुस्तक का क्रय अवश्य करे। यहां उन्हें अपनी रूचि पर टिप्पणी भी देनी चाहिए।










Comments